कांग्रेस नेता शशि थरूर, राघव चड्ढा और महुआ मोइत्रा समेत विपक्ष के कई नेताओं ने फोन हैकिंग का दावा किया है। विपक्षी नेताओं के दावे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला। विपक्षी नेताओं के आरोप पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपनी प्रतिक्रया दी।अश्विनी वैष्णव ने कहा, “एप्पल की ओर से कुछ लोगों को एक अलर्ट आया है, उसके बारे में मैं साफतौर पर कहना चाहता हूं कि केंद्र सरकार इस मुद्दे को लेकर काफी गंभीर है।उन्होंने आगे कहा,”हम इस मुद्दे के तह तक हम जाएंगे। इस मामले में हमने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। जांच करके हम इस मामले की जड़ तक जाएंगे।” अश्विनी वैष्णव ने आगे जानकारी दी कि एप्पल ने 150 देशों में ये एडवाइजरी जारी की है। एप्पल के पास कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने अनुमान के आधार पर ये अलर्ट लोगों को भेजा है। ये वेग है और आप सब जानते हैं कि एप्पल इस बात का दावा करता है कि उस का फोन कोई हैक नहीं कर सकता है। वहीं, कुछ समय पहले एप्पल ने अपना पक्ष रख दिया है कि आखिर क्यों अलर्ट लोगों तक पहुंचे हैं।उन्होंने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों को केवल आलोचना करने की आदत है। ये (विपक्षी नेता) देश की उन्नति नहीं पचा सकते हैं। कुछ लोगों को आलोचना की आदत लग गई है। एप्पल ने 150 देशों में एडवाइजरी जारी की है।भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस घटना पर Apple कंपनी को स्पष्टीकरण देना चाहिए।उन्होंने आगे कहा,”इन नेताओं को मोबाइल कंपनी से बातचीत करनी चाहिए और पूछना चाहिए कि आखिर क्या माजरा है। हालांकि, मैं अपने अनुभव से साथ कहना चाहता हूं कि कोई भी टोलिकॉम कंपनी ऐसा नहीं करती है।कई विपक्षी नेताओं ने सोशल मीडिया हैंडल पर अलर्ट मैसेज का स्क्रीनशॉट साझा किया है। इस मैसेज में लिखा है,”अगर आपके डिवाइस के साथ किसी राज्य-प्रायोजित हमलावर ने छेड़छाड़ की है, तो वे आपके संवेदनशील डेटा, कम्युनिकेशन, या यहां तक कि कैमरा और माइक्रोफोन तक पहुंचने में सक्षम हो सकते हैं।”विपक्षी नेताओं के फोन हैंकिंग करने की कोशिश के दावे को लेकर राहुल गांधी ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। राहुल गांधी ने कहा कि बहुत कम लोग उनके (मोदी सरकार) खिलाफ लड़ रहे हैं, लेकिन हम डरे हुए नहीं हैं। आप जितनी चाहें उतनी फोन टैपिंग कर सकते हैं। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर तुम मेरा फोन लेना चाहते हो तो मैं तुम्हें दे दूंगा।इस मामले पर एप्पल कंपनी ने कहा कि हम किसी भी विशेष राज्य-प्रायोजित की सूचना नहीं देते हैं। यह संभव है कि कुछ एप्पल खतरे की सूचनाएं गलत अलार्म हो सकती हैं, या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता है।कंपनी ने आगे जानकारी दी कि संभव है कि ये मैसेज एक फॉल्स अलार्म हो, जो इन खतरों की गलत जानकारी दे रहा हो। हमारे पास इस बात की जानकारी नहीं है कि आखिर किस वजह से यह अलर्ट जारी किया गया।