पीएम ई-बसों के साथ केंद्र सरकार शहरी परिवहन में शामिल अन्य बसों को भी पारदर्शी टिकटिंग प्रणाली में लाने पर काम कर रही है। शहरी परिवहन के लिए राज्यों को उपलब्ध कराई जा रहीं पीएम ई बसों की एक खासियत यह भी है कि इनमें टिकटिंग की व्यवस्था मेट्रो कार्ड की तरह होगी। इसका उद्देश्य सरकारी बसों में टिकट को लेकर धांधली की आशंका को समाप्त करना है।अर्बन मोबिलिटी कॉन्फ्रेंस के दौरान आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी ने प्रभावी किराया संग्रह प्रणाली के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सरकार पूरे देश में कॉमन मोबिलिटी कार्ड को अपनाने के लिए काम कर रही है, जिससे शहरी परिवहन के तमाम माध्यमों को एक साथ लाने में मदद मिलेगी जोशी के मुताबिक, परिवहन प्रणाली को आर्थिक रूप से व्यावहारिक बनाने के लिए अच्छा किराया संग्रह सबसे अधिक जरूरी है। जोशी का यह कहना इसलिए अहम है, क्योंकि राज्यों और नगरीय निकायों में संचालित परिवहन निगमों की बदहाली का सबसे बड़ा कारण यह है कि यात्रियों से किराया संग्रह में सबसे अधिक गड़बड़ी होती है और अन्य समस्याओं के साथ वर्षों से चली आ रही यह गड़बड़ी इन निगमों को सफेद हाथी बना देती है।मनोज जोशी ने कहा कि यात्रियों के लिए सुगम परिवहन के साथ-साथ पैसे की लीकेज रोकने का यही तरीका है कि ज्यादा से ज्यादा कार्ड सिस्टम को अपनाया जाए। राज्यों को इसके लिए हर तरह की मदद दी जाएगी ताकि वे बसों के मौजूदा ढांचे को भी इस लिहाज से सक्षम और पारदर्शी बना सकें दिल्ली मेट्रो और लखनऊ मेट्रो को संयुक्त तौर पर सार्वजनिक परिवहन के लिए उत्कृष्टता अवॉर्ड मिला है। 16वीं अर्बन मोबिलिटी कॉन्फ्रेंस के अंतिम दिन कई श्रेणियों में राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा की गई। दिल्ली और लखनऊ मेट्रो को सर्वेश्रेष्ठ और संतोषजनक यात्री सेवाओं वाली मेट्रो की श्रेणी में यह पुरस्कार मिला है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लखनऊ और कानपुर में मेट्रो को संचालित करती है।सर्वेश्रेष्ठ सार्वजनिक परिवहन प्रणाली वाले शहर के रूप में श्रीनगर स्मार्ट सिटी लि. को चुना गया। सर्वश्रेष्ठ नवाचार वाले वित्तीय तंत्र का अवार्ड जबलपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लि. को मिला है। जबलपुर ने सिटी बस सर्विस का बेहतर वित्तीय माडल कायम किया है।