बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट के निर्दलीय विधायक और बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी के समर्थन में गुरुवार को राजपूत समाज ने जयपुर में बड़ा प्रदर्शन किया। राजपूत सभा की ओर से जिला कलेक्ट्रेट तक मार्च निकाला गया और उसके बाद कलेक्टर मुख्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के बाद राजपूत समाज के प्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में रविंद्र सिंह भाटी को जेड प्लस सुरक्षा देने की मांग की गई।राजपूत सभा के अध्यक्ष राम सिंह चंदलाई का कहना है कि रविंद्र सिंह भाटी चुनाव हुए विधायक हैं। चूंकि वे निर्दलीय विधायक हैं। इसलिए सरकार उनसे ईर्ष्या रखती है। चंदलाई ने कहा कि रविंद्र सिंह भाटी 36 कौम के नेता हैं। हर समाज के लोग उन्हें चाहते हैं। ऐसा नेता जब आगे बढ़ रहा है तो सत्ताधारी पार्टी के लोगों को जलन होती है। चंदलाई ने कहा कि कलेक्टर को ज्ञापन देकर सरकार से भाटी को जेड प्लस सुरक्षा की मांग की गई है। अगर सरकार ने जल्द ही जेड प्लस सुरक्षा नहीं दी तो सर्व समाज के लोग उग्र आंदोलन करेंगे।दरअसल पिछले दिनों ओर से रविंद्र सिंह भाटी को जान से मारने की धमकी दी गई थी। सोशल मीडिया के जरिए मिली धमकी के बाद राजपूत समाज के लोगों ने सरकार से सुरक्षा की मांग की है। समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि पिछले साल राजपूत समाज के नेता सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को भी धमकी मिली थी। वे बार बार पुलिस और सरकार से सुरक्षा की मांग करते रहे। गोगामेड़ी को सुरक्षा नहीं दी गई और 5 दिसंबर 2023 को बदमाशों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी।चंदलाई का कहना है कि रविंद्र सिंह भाटी प्रदेश के उभरते हुए नेता हैं और वे राजपूत समाज के गौरव हैं। ऐसे नेता को गैंगस्टर की ओर से धमकियां मिलने पर सरकार को सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए। पूर्ववर्ती सरकार की लापरवाही के कारण पिछले साल सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को समाज खो चुका है। अब राजपूत समाज अपने किसी भी नेता को खोना नहीं चाहता है।पिछले दिनों सोशल मीडिया के जरिए विधायक रविंद्र सिंह भाटी को जान से मारने की धमकी मिली थी। सोशल मीडिया पर रोहित गोदारा के नाम से एक पोस्ट सामने आई थी। इस पोस्ट में लिखा था कि ‘रविंद्र सिंह भाटी को स्पष्ट रूप से कह रहा हूं कि अगर इस तरह से उछलने की कोशिश की तो वह दिन दूर नहीं होगा कि लोग कहेंगे एक और राजपूत सितारा चला गया। (पूर्व सुखदेव सिंह गोगामेड़ी)। हम तो चुनाव से पहले ही बहुत कुछ बदल सकते थे।’