• Sat. May 18th, 2024

लोकतंत्र का सच्चा प्रहरी ...

वंदे भारत का जब यह हाल फिर तो… साख पर कैसे बट्टा लगा रही हैं खामियां?

 वंदे भारत देश की सबसे अत्‍याधुनिक ट्रेनों में शुमार है। रेलवे इन्‍हें फख्र के साथ शोकेस करता है। ये ट्रेनें यात्रियों को एक तेज, आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव प्रदान करने का दावा करती हैं। यही कारण है कि वंदे भारत एक्सप्रेस का किराया अन्य ट्रेनों की तुलना में थोड़ा ज्‍यादा है। हालांकि, वंदे भारत एक्सप्रेस में तकनीकी खराबी की खबरों ने इसकी साख पर बट्टा लगाने का काम किया है। सबसे ताजा मामला हावड़ा-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस का है। अपने पहले स्टॉपेज यानी दुर्गापुर स्टेशन के पास ही ट्रेन अचानक चलते-चलते रुक गई। काफी देर तक जब खामी का पता नहीं लगाया जा सका तो यात्रियों ने हंगामा शुरू किया। फिर उनके लिए वैकल्पिक व्‍यवस्‍था की गई। रेलवे ने यात्रियों को टिकट का पैसा भी रिफंड किया।न तो बात पैसा रिफंड करने की है और न वैकल्पिक व्‍यवस्‍था की। यहां जो सबसे बड़ी बात वह है वंदे भारत की साख की। वंदे भारत अन्‍य ट्रेनों से अलग है। ये ट्रेनें देश का गौरव हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस देश की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है। इसे पहले ट्रेन 18 के नाम से जाना जाता था। यह पूरी तरह से भारत में बनी है। इसका उद्घाटन 15 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।यह ट्रेन सभी अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है। रेलवे दावा करता है कि यात्रियों को इस ट्रेन में तेज, सुखद और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा। इसकी अधिकतम रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटा है।हालांकि, जब हावड़ा-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस जैसे मामले सामने आते हैं तो वह भरोसा टूटता है। वंदे भारत के ऐसे हाल को देखकर दूसरी ट्रेनों को लेकर अंदाजा लगाया जाने लगता है। ऐसे में वंदे भारत का मामला सिर्फ वंदे भारत तक सीमित नहीं है। यह रेलवे की पूरी व्‍यवस्‍था पर सवाल उठाने लगता है।30 अप्रैल को मंगलवार वाले दिन हावड़ा-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर हावड़ा जंक्शन से पटना जंक्शन के लिए रवाना हुई थी। ट्रेन में बैठे यात्रियों को जरा भी अंदाजा नहीं था क‍ि उनकी मंजिल में क्‍या बाधाएं आने वाली हैं। उन्‍हें यही लग रहा था कि ट्रेन आसानी से उनकी मंजिल तक पहुंचा देगी। हालांकि, पहले ही स्टॉपेज यानी दुर्गापुर स्टेशन के करीब ट्रेन चलते-चलते रुक गई। लंबे समय तक जब ट्रेन खड़ी रही तो यात्रियों ने हंगामा शुरू किया। यानी इसका हाल भी लोगों को दूसरी ट्रेनों जैसा ही दिखाई दिया। इससे उन्‍हें काफी निराशा हुई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *