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IMF ने भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 0.30% बढ़ाया:वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 6.8% किया

इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड यानी IMF ने 16 अप्रैल को भारत के लिए FY-25 की GDP ग्रोथ रेट के अपने अनुमान में बढ़ोतरी की है। IMF ने इसे 0.30% बढ़ाकर 6.8% कर दिया है। IMF ने इससे पहले जनवरी में FY-25 में देश की इकोनॉमी 6.5% की दर से बढ़ने की उम्मीद जताई थी।IMF ने डोमेस्टिक डिमांड की स्थिति और बढ़ती कामकाजी उम्र की आबादी का हवाला देते हुए भारत के लिए ग्रोथ रेट के अनुमान में बढ़ोतरी की है। इसके साथ, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी बना हुआ है, जो इसी अवधि के दौरान चीन के 4.6% के ग्रोथ रेट अनुमान से आगे है।IMF का मानना है कि फाइनेंशियल ईयर 2026 में भारत की GDP ग्रोथ रेट 6.5% रहेगी। ग्लोबल फाइनेंशियल एजेंसी का अनुमान है कि FY-25 में भारत की रिटेल इन्फ्लेशन 4.6% और FY-26 में 4.2% रहेगी।IMF द्वारा जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक के लेटेस्ट एडिशन में कहा गया कि भारत में ग्रोथ रेट 2024 में 6.8% और 2025 में 6.5% रहने का अनुमान है, यह डोमेस्टिक डिमांड में लगातार मजबूती और कामकाजी उम्र की बढ़ती आबादी को दर्शाती है।इसके साथ ही उभरते और विकासशील एशिया में ग्रोथ 2023 में अनुमानित 5.6% से घटकर 2024 में 5.2% और 2025 में 4.9% होने की उम्मीद है। IMF ने कहा कि चीन में ग्रोथ रेट 2023 में 5.2% से धीमी होकर 2024 में 4.6% और 2025 में 4.1% होने का अनुमान है।IMF ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी धीमी लेकिन स्थिर वृद्धि के एक और साल के लिए तैयार है। IMF ने 2024 और 2025 के लिए ग्लोबल रियल GDP ग्रोथ 3.2% होने का अनुमान लगाया है, जो 2023 के समान रेट है।​​​​​​​IMF के चीफ इकोनॉमिस्ट पियरे-ओलिवियर ने कहा कि हमने पाया है कि ग्लोबल इकोनॉमी काफी लचीली बनी हुई है। उन्होंने कहा कि कई देशों ने मंदी की निराशाजनक भविष्यवाणियों को खारिज कर दिया है, क्योंकि केंद्रीय बैंकों ने इन्फ्लेशन से लड़ने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है।IMF ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कई देशों में कोविड-19 महामारी और जीवन-यापन की लागत संबंधी संकटों का असर कम दिखाई दे रहा है। इसके साथ ही उत्पादन, भविष्यवाणी की तुलना में महामारी के पहले के लेवल पर तेजी से लौट रहा है।इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए GDP का उपयोग किया जाता है। GDP देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी वस्तुओं और सेवाओं की वैल्यू को दिखाती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं, उन्हें भी शामिल किया जाता है।GDP दो तरह की होती है। रियल और नॉमिनल। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। अभी GDP कैलकुलेशन के लिए बेस ईयर 2011-12 है। यानी 2011-12 में गुड्स और सर्विस के जो रेट थे, उस हिसाब से कैलकुलेशन। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करेंट प्राइस पर किया जाता है।GDP कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब गवर्नमेंट स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है।

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