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लोकतंत्र का सच्चा प्रहरी ...

विक्रमादित्य सिंह ने सुक्खू मंत्रिमंडल से इस्तीफा लिया वापस, कहा- हिमाचल सरकार को खतरा नहीं

हिमाचल प्रदेश सरकार पर मंडरा रहे संकट के बादल छंट गए हैं। बुधवार देर शाम लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सुखविंदर सिंह सुक्खू मंत्रिमंडल से इस्तीफा वापस ले लिया। इससे पहले सुबह उन्होंने इस्तीफे की घोषणा कर हिमाचल सरकार में संकट पैदा कर दिया था। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मैं अपना इस्तीफा वापस ले रहा हूं। सरकार पर कोई संकट नहीं है। कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह शिमला के होटल सिसल में चल रही विधायक दल की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे।इससे पहले बुधवार देर शाम कांग्रेस पर्यवेक्षकों के रूप में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा शिमला पहुंचे। पर्यवेक्षकों के साथ बातचीत के बाद विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आज पार्टी के पर्यवेक्षक डी के शिवकुमार, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, भूपेश बघेल से प्रदेश पार्टी पदाधिकारी और विधायकों की बातचीत हुई है।विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री, पार्टी प्रमुख सभी ने अपनी राय पर्यवेक्षकों के साथ साझा की है। व्यक्ति से बड़ा संगठन होता है। ऐसे में सुबह जिस स्थिति में इस्तीफे की घोषणा उनकी ओर से की गई थी। वह उस पर अब दबाव नहीं बनाएंगे। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सकारात्मक सोच के साथ सभी मसलों का हल संभव है। ऐसे में संगठन की एकता के लिए और प्रदेश की सेवा के दायित्व के लिए वे पार्टी के साथ हैं। वहीं इस पूरे घटनाक्रम के दौरान सरकार पर उपजे संकट को लेकर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकार पर कभी कोई संकट था ही नहीं।हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख और सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि जबसे सरकार बनी है यह ठीक नहीं चल रही है। इस बात की जानकारी हमने अपने हाईकमान को दी और हमने चाहते थे कि इसका कोई समाधान निकाला जाता। एक साल से ज्यादा हो चुका है। कोई निर्णय नहीं लिया गया। इसके कारण से आज यह हाल हुआ है। उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य का इस्तीफा पार्टी से नहीं बल्कि कैबिनेट से दिया गया था। मुख्यमंत्री ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है।उधर, बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉसवोटिंग करने वाले बागी कांग्रेस विधायकों पर सुक्खू ने कहा कि जिस तरह से उन्होंने लोगों को धोखा दिया है। मुझे लगता है कि आने वाले समय में लोग उन्हें जवाब देंगे। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य मंत्री विक्रमादित्य सिंह का इस्तीफा कांग्रेस पार्टी ने स्वीकार नहीं किया है और उनके असंतोष को दूर करने के लिए बातचीत चल रही है।सुक्खू ने कहा कि मैंने विक्रमादित्य सिंह से बात की है और वह मेरे छोटे भाई हैं। उनका इस्तीफा स्वीकार करने का कोई कारण नहीं है। उनकी कुछ शिकायतें हैं जिन्हें दूर किया जाएगा। मैंने अभी बजट सत्र के दौरान उनसे थोड़ी देर बात की है लेकिन तब तक स्पीकर आ चुके थे। इससे पहले दिन में स्पीकर ने कहा कि विधानसभा में हंगामा करने वाले निलंबित सदस्य नियमों के खिलाफ सदन में बैठे थे और जबरदस्ती विधानसभा में घुस आए थे। विधानसभा में विधायकों की अयोग्यता का मुद्दा नहीं सुने जाने पर बीजेपी ने भी वॉकआउट किया।

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