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लोकतंत्र का सच्चा प्रहरी ...

‘ये आपका मंगलसूत्र तक बेच देंगे’, PM Modi के बयान पर भड़का विपक्ष, राहुल गांधी ने किया पलटवार

लोकसभा चुनाव के दूसरे फेज की वोटिंग के लिए राजनीतिक दल मैदान में जुटे हैं. इस बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को  राजस्थान के बांसवाड़ा में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. पीएम मोदी ने कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. ये अर्बन नक्सल वाली सोच….मेरी माताओ-बहनों ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे. इस हद तक चले जाएंगे. विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी के बयान पर पलटवार किया है. पीएम मोदी ने आगे कहा, “महिलाओं के पास कितने गहने हैं, इसका पता लगाया जाएगा और आपकी संपत्ति सबको बराबर बांट दी जाएगी.” पीएम ने इस दौरान रैली में आईं महिलाओं से पूछा, “क्या आपकी संपत्ति को किसी को बांटने के लिए किसी भी सरकार का हक है क्या?”इसके साथ उन्होंने कहा कि जो लोग कांग्रेस छोड़कर आए हैं, वो बताते हैं कि ‘कांग्रेस अब कांग्रेस नहीं रह गई है. वो अब अर्बन नक्सलियों के हाथों में चली गई है. कांग्रेस के राज में युवाओं के साथ खिलवाड़ किया गया.’राहुल गांधी ने पीएम मोदी के बयान पर कहा कि पहले चरण के मतदान में निराशा हाथ लगने के बाद नरेंद्र मोदी के झूठ का स्तर इतना गिर गया है कि घबरा कर वह अब जनता को मुद्दों से भटकाना चाहते हैं. राहुल ने सोशल मीडिया पर लिखा, “कांग्रेस के ‘क्रांतिकारी मेनिफेस्टो’ को मिल रहे अपार समर्थन के रुझान आने शुरू हो गए हैं. देश अब अपने मुद्दों पर वोट करेगा, अपने रोज़गार, अपने परिवार और अपने भविष्य के लिए वोट करेगा. भारत भटकेगा नहीं.” कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी इस दौरान पीएम मोदी को आड़े हाथों लिया और कहा, “प्रधानमंत्री को चुनौती है कि हमारे घोषणा पत्र में कहीं भी हिंदू मुसलमान लिखा हो तो दिखा दें.”खेड़ा ने आगे कहा, “इस तरह का हल्कापन आपकी मानसिकता में, आपके राजनैतिक संस्कारों में है. हमने तो युवाओं, महिलाओं, किसानों, आदिवासियों, माध्यम वर्ग, श्रमिकों को न्याय की बात कही आपको इस से भी आपत्ति है?” शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि पीएम की वीडियो क्लिप साझा नहीं करूंगीं. मैं इसे और ज्यादा वायरल नहीं होने देना चाहती. उनका भाषण बेहद भ्रामक, कंटेंट में घृणा और जितना संभव हो उतना विभाजनकारी है. इसके साथ उन्होंने कहा कि यह तीसरे कार्यकाल की बात करने वाली पार्टी की भाषा नहीं बल्कि हताशा की भाषा हो सकती है और चुनाव आयोग ऐसी नफरत और नफरत के खिलाफ किसी भी कार्रवाई से साफ तौर पर बच रहा है.

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