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सऊदी संग समझौतों से फायदा ही फायदा, यूं ही नहीं क्राउन प्रिंस से दोस्ती गांठ रहे पीएम मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद ने सोमवार को नई दिल्ली में एक द्विपक्षीय बैठक की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और खाद्य सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की। तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे क्राउंस प्रिंस ने यहां आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया। यह भारत की उनकी दूसरी राजकीय यात्रा है। पहली बार वो फरवरी 2019 में भारत की राजकीय यात्रा पर आए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात से पहले सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया।

भारत-सऊदी अरब के बीच कई समझौते

भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद के नेताओं की पहली बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी और क्राउन प्रिंस ने काउंसिल के दो मंत्री समूहों की तरफ से हुई प्रगति की समीक्षा की। राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक सहयोग पर समिति और अर्थव्यवस्था एवं निवेश सहयोग समिति ने अब तक कितने कदम आगे बढ़ाए इस बात पर चर्चा हुई। भारत और सऊदी अरब की कंपनियों के बीच दो दर्जन से अधिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, जो आईटी, कृषि, फार्मास्यूटिकल्स, पेट्रोकेमिकल्स और मानव संसाधन सहित अन्य क्षेत्रों में हैं। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद थे।

भारत का महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है सऊदी अरब: पीएम मोदी

अपनी शुरुआती टिप्पणी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भारत के लिए सऊदी अरब सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक भागीदारों में से एक है। दुनिया के दो बड़े और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के रूप में हमारा आपसी सहयोग पूरे क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। हमारी बातचीत में हमने अपनी साझेदारी को अगले स्तर तक ले जाने के लिए कई पहलों को चिह्नित किया है। आज की बातचीत हमारे संबंधों को नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करेगी। यह हमें मानवता के कल्याण के लिए मिलकर काम करने की प्रेरणा देगा।’

उन्होंने इस तेल समृद्ध देश के साथ ‘रणनीतिक’ साझेदारी की भी प्रशंसा की। पीएम मोदी ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप गलियारे को लेकर कहा, ‘हमने मिलकर आर्थिक गलियारे की ऐतिहासिक शुरुआत की।’ भारत और सऊदी अरब के ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं और व्यापक लोगों से लोगों के संपर्क हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार वित्त वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड 52.75 अरब डॉलर तक पहुंच गया। भारत सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है जबकि सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। दोनों देशों के बीच ऊर्जा के क्षेत्र में भी मजबूत साझेदारी है।

बाद में, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘महामहिम राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद और मैंने बहुत ही उत्पादक बातचीत की। हमने अपने व्यापारिक संबंधों की समीक्षा की और भरोसा है कि आने वाले समय में हमारे देशों के बीच कमर्शिलय लिंकेज और भी बढ़ेंगे। ग्रिड कनेक्टिविटी, रीन्यूएबल एनर्जी, फूड सिक्यॉरिटी, सेमीकंडक्टर और सप्लाई चेन में सहयोग की बहुत गुंजाइ है।’

मेगा इन्फ्रा लिंक

राष्ट्रपति भवन में स्वागत समारोह के बाद क्राउन प्रिंस ने संवाददाताओं से बात की और भारत को ऐतिहासिक समझौते पर बधाई दी, जिससे भारत-मध्य पूर्व-यूरोप शिपिंग और रेलवे कनेक्टिविटी गलियारा शुरू हुआ। उन्होंने कहा, ‘भारत को बधाई। कई घोषणाएं की गई हैं जो हमारे दोनों देशों, जी20 देशों और पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होंगी। इसलिए मैं भारत को बधाई देना चाहता हूं। हम दोनों देशों के बेहतर भविष्य के लिए काम करेंगे।’ जी20 शिखर सम्मेलन में बोलते हुए प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा, ‘हम पहल और आर्थिक गलियारा परियोजना के एकीकरण के लिए तत्पर हैं। मैं उन लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने इस महत्वपूर्ण आर्थिक गलियारे की स्थापना के लिए इस आधारभूत कदम तक पहुंचने में हमारे साथ काम किया है।’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेगा डील दुनियाभर में कनेक्टिविटी और स्थिरता को एक टिकाऊ दिशा देगी। उन्होंने कहा, ‘यह इन क्षेत्रों के बीच आर्थिक विकास और डिजिटल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।’ उन्होंने आगे कहा, ‘भारत और सऊदी अरब के बीच आर्थिक क्षेत्र में सहयोग पूरे क्षेत्र के शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।’

‘गेमचेंजर’ गलियारा

भारत को मध्य पूर्व और यूरोप से जोड़ने वाले गलियारे को विशेषज्ञों ने गेम-चेंजर करार दिया है। इस बहुराष्ट्रीय परियोजना की घोषणा करने वालों में शामिल रहे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे ‘बहुत बड़ी डील’ कहा। कनेक्टिविटी गलियारा को चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का विकल्प माना जा रहा है। इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल इंडिया (EEPC इंडिया) के अनुसार, प्रस्तावित ‘इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर’ एक गेम-चेंजर प्रॉजेक्ट साबित होगा और वैश्विक व्यापार को जबरदस्त बढ़ावा देगा। ईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा कि गलियारा ग्लोबल सप्लाई चेन को भी अधिक लचीला बना देगा। यह महाद्वीपों के बीच माल और सेवाओं की आवाजाही को फिर से परिभाषित करेगा क्योंकि यह रसद लागत को कम करेगा और शिपमेंट की तेजी से डिलीवरी सुनिश्चित करेगा। यह भारत और मध्य पूर्व, विशेष रूप से सऊदी अरब के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा।

सऊदी अरब में प्रवासी भारतीयों का ख्याल

प्रधान मंत्री मोदी ने सोमवार को अपने संबोधन में सऊदी अरब में रह रहे भारतीयों के कल्याण की दिशा में उठाए गए कदमों के लिए भी क्राउन प्रिंस को धन्यवाद दिया। क्राउन प्रिंस ने बताया कि सऊदी अरब की आबादी का 7% भारतीय हैं जो उनके देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम उन्हें सऊदी अरब का हिस्सा मानते हैं। हम उनकी देखभाल करते हैं जैसे हम अपने ही नागरिकों की देखभाल करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि यह परिषद हमारी लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी और हम सफलता की कामना करते हैं।’

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