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लोकतंत्र का सच्चा प्रहरी ...

बीकानेरी भुजिया की जिस कमरे से हुई थी शुरुआत, वहां पहुंचा हल्दीराम परिवार की 5 पीढ़ियों का पूरा कुनबा

 पूरी दुनिया को बीकानेरी भुजिया और पापड़ के जायके से परिचित करवाने वाले हल्दीराम का परिवार आज बीकानेर स्थित बच्छावतों के चौक में इकट्ठा हुआ. इस दौरान हल्दीराम के परिवार के लोगों ने एक-दूसरे के हालचाल जाना. दूसरी तरफ नौजवानों और बच्चों ने भी जमकर एन्जॉय किया. बड़ी बात है कि इस दौरान परिवार की पांच पीढ़ियां एक साथ इकट्ठा हुईं.बता दें कि कोलकाता, नागपुर, दिल्ली और देश के कई हिस्सों में रह रहे हल्दीराम परिवार के लोग बीकानेर पहुंचे. अपने परिवार के बाहर से आने वाले सदस्यों के लिए बीकानेर में रह रहे लोगों ने भव्य स्वागत की व्यवस्था की. बीकानेर के पुस्तैनी मकान में करीब 300 लोगों को जमावड़ा लगा. परिवार को पुश्तैनी मकान बच्छावतों के चौक में है. परिवार के कई ऐसे लोग रहे, जो पहली बार एक दूसरे से मिले. इस दौरान बच्चों का बुजुर्गों से परिचय कराया गया.जिस मकान में स्व. हल्दीराम अग्रवाल रहते थे और जहाँ उन्होंने भुजिया बनाने की शुरुआत की थी. उनकी नई पीढ़ियों ने जब उस मकान को देखा तो गर्व से उनका सीना चौड़ा हुआ, वहीं अपने दादा को याद कर के उनकी महानता को नमन भी किया. परिवार के सदस्य और उनके पारिवारिक मित्र बताते हैं कि स्व. हल्दीराम ने भुजिया जैसी चीज को पूरी दुनिया में मशहूर किया. इसे उद्योग के तौर पर स्थापित किया, वहीं उन्होंने और उनके बाद की पीढ़ियों ने उनके नाम को ना सिर्फ़ ज़िन्दा रखा, बल्कि उसमें चार चाँद लगा दिए.आज हल्दीराम की नई पीढ़ियों ने हल्दीराम ब्रांड के साथ-साथ बीकाजी और भीखाराम-चाँदमल जैसे ब्रांड स्थापित किए हैं. जो दुनिया के ज़्यादातर देशों में जाने जाते हैं और जिनसे देश को करोड़ों रुपयों का टैक्स मिलता है. अरबों रुपयों के उद्योग स्थापित करने के साथ-साथ ये परिवार सामाजिक सरोकार निभाने में भी पीछे नहीं है. बीकानेर सम्भाग के सबसे बड़े अस्पताल पीबीएम परिसर में बना हृदय रोग का अस्पताल हल्दीराम-मूलचन्द इसी परिवार की देन है.

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