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लोकतंत्र का सच्चा प्रहरी ...

मोहन प्रकाश ने ओम बिरला पर साधा निशाना, कहा- संसद में देश की एक तिहाई जनता की आवाज दबाई

राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को है. ऐसे में प्रचार के आखिरी दौर पर जहां खूब रैलियां की जा रही है. वहीं नेताओं की जुबानी जंग भी चरम पर है. कोटा-बूंदी लोकसभा सीट राजस्थान की हॉटशीट बनी हुी है. जहां बीजेपी की ओर से ओम बिरला मैदान में हैं. वहीं, बिरला के खिलाफ कांग्रेस लगातार मोर्चा खोले हुए हैं. जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है कांग्रेस और भाजपा नेताओं का एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला भी तेज हो गया है.कोटा बूंदी सीट पर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल के समर्थन में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश कोटा दौरे पर आये. उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए भाजपा और कोटा से चुनाव लड़ रहे ओम बिरला पर जमकर हमला बोला. मोहन प्रकाश ने कहा कि ओम बिरला ने लोकसभा अध्यक्ष रहते हुए देश के एक तिहाई वोटर्स की आवाज को दबाने का काम किया है. ऐसे में कोटा से उन्हें जीता कर संसद नहीं पहुंचाना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष होने के नाते उनकी जिम्मेदारी थी कि चुनकर आए सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करें. लेकिन वो पीएम मोदी के खिलाफ बोलने वाले सांसदों को वो संसद से बाहर भेज दिया करते थे. यहां तक कि राहुल गांधी की सदस्यता भी उन्होंने रद्द कर दी थी, जबकि उनके हाथ में सर्टिफाइड कोर्ट का आर्डर नहीं आया था. लेकिन मोदी सरकार के दबाव में इन्होंने तुरंत ही एक्शन ले लिया.कांग्रेस प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने कहा कि सूरत में लोकतंत्र को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. यह दिखाने की कोशिश की गई है कि आने वाले समय में इसी तरह से चुनाव देश में होंगे. इलेक्शन कमीशन ने भी सूरत से भाजपा के कैंडिडेट को विजय घोषित कर दिया, जबकि नोटा का प्रावधान भी इसमें था. सभी निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी अपना नाम वापस ले लिया. बता दें सूरत सीट से भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल निर्विरोध चुनाव जीत गए हैं.

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