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 राजस्थान में 20 साल बाद बनाया गया वित्त मंत्री, अब ‘राजकुमारी’ पेश करेंगी भजनलाल सरकार का बजट

जयपुर: राजस्थान की भजनलाल सरकार में हुए विभागों के बंटवारे में दीया कुमारी सबसे मजबूत होकर उभरी हैं। राजस्थान में 20 साल बाद ऐसा हुआ है, जब किसी मंत्री को वित्त विभाग दिया गया हो। वर्ष 2003 से लेकर 2023 तक दो बार वसुंधरा राजे और दो बार अशोक गहलोत प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। चारों ही बार वित्त विभाग मुख्यमंत्रियों ने अपने पास रखा। 20 साल पहले कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार में प्रद्युमन सिंह वित्त मंत्री थे। उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश किया था। उसके बाद 2003 से लेकर 2023 कर वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश करते आए हैं। अब उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी वित्त मंत्री के रूप में राज्य का बजट पेश करेंगी।किसी भी सरकार में मुख्यमंत्री के बाद सबसे पावरफुल विभाग वित्त विभाग होता है। यह विभाग सीएम भजनलाल शर्मा ने डिप्टी सीएम दीया कुमारी को दिया है। केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर दीया कुमारी का यह विभाग मिला है। दीया कुमारी को बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व लम्बे समय से बड़ी जिम्मेदारी देने वाला था। पूर्व में उनका नाम मुख्यमंत्री के रूप में भी चला था।आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए जातीय समीकरण के लिहाज से ब्राह्मण नेता को मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन अब वित्त विभाग देकर केंद्रीय नेतृत्व ने दीया का कद काफी बढ़ा दिया है। वित्त विभाग के साथ दीया कुमारी को पीडब्ल्यूडी जैसे पावरफुल विभाग के अलावा राज्य की ब्रांडिंग वाला पर्यटन विभाग, महिलाओं से जुड़ा महिला और बाल विकास विभाग भी दिया है।बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने यूपी की तर्ज पर गृह और एसीबी विभाग सीएम के पास रखा है। इससे पहले जब 2003 से 2008 और 2013 से 2018 तक प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। तब दोनों ही बार गुलाबचंद कटारिया को गृहमंत्री बनाया गया था। चूंकि कानून व्यवस्था बड़ी जिम्मेदारी वाला विभाग है। ऐसे में यूपी की तर्ज पर राजस्थान में यह विभाग मुख्यमंत्री के पास रखा गया है। सीएम भजनलाल शर्मा के पास आठ विभाग हैं, जिनमें कार्मिक, आबकारी, गृह, आयोजना विभाग, सामान्य प्रशासन, नीति निर्धारण प्रकोष्ठ, मुख्यमंत्री सचिवालय, सूचना जनसंपर्क विभाग, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और खनन सहित 10 विभाग हैं।भाजपा की पूर्व सरकार में जब वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थी, तब उनके पास 26 विभाग थे। इनमें कार्मिक विभाग, राजस्थान राज्य अन्वेषण ब्यूरो, वित्त विभाग, कराधान विभाग, आबकारी विभाग, आयोजना विभाग, आयोजना (जनशक्ति और गजेटियर) विभाग, सांख्यिकी विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय उनके पास था। साथ ही नीति आयोजना प्रकोष्ठ, मुख्यमंत्री सचिवालय, सूचना जनसम्पर्क विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी संचार विभाग, ऊर्जा विभाग, जन अभियोग निराकरण विभाग, प्रशासनिक सुधार और समन्वय विभाग, विधि विधिक कार्य विभाग और विधि परामर्शी कार्यालय भी राजे के ही अधीन थे।

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