• Mon. May 20th, 2024

लोकतंत्र का सच्चा प्रहरी ...

विदेशी-ETF में निवेश वाली म्यूचुअल-फंड स्कीम में इन्वेस्टमेंट पर रोक

अगले महीने यानी 1 अप्रैल से आप उन म्यूचुअल फंड स्कीम्स में निवेश नहीं कर पाएंगे जो फॉरेन ETF यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में पैसा लगाते हैं। शेयर मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने म्यूचुअल फंड्स को इस तारीख से नया निवेश लेने पर रोक लगा दी है।SEBI का आदेश इसलिए आया है क्योंकि, फॉरेन ETF में निवेश की मैक्सिमम लिमिट 1 बिलियन डॉलर (करीब ₹8,332 करोड़) तय है। इसमें निवेश अब इस लिमिट के करीब पहुंच गया है। इसको लेकर सेबी ने देश में म्यूचुअल फंड हाउसेज को हेड करने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) को लेटर भी लिखा है। इसमें म्यूचुअल फंड कंपनियां डायरेक्ट विदेशी शेयरों में इन्वेस्ट करती हैं। इसके लिए 7 बिलियन डॉलर (करीब ₹58,347 करोड़) की मैक्सिमम लिमिट तय है। इस लिमिट के बाहर जाने के बाद SEBI इसमें निवेश पर रोक लगा देती है।इससे पहले जनवरी 2022 में इन्वेस्टमेंट की लिमिट 7 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई थी। जिसके बाद सेबी ने इन्वेस्टमेंट बंद कर देने को कहा था। 2023 में फिर से SEBI ने इस आदेश को वापस ले लिया था और कहा था कि फॉरेन स्टॉक्स की कीमतों में गिरावट की वजह से अगर किसी म्यूचुअल फंड का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) गिरा है, तो वे विदेशी स्टॉक्स में निवेश कर सकते हैं। इसमें म्यूचुअल फंड्स फॉरेन ETF की यूनिट्स खरीदती है। इसके लिए 1 बिलियन डॉलर की मैक्सिमम लिमिट तय है। SEBI ने अभी इसी में निवेश पर रोक लगाने का आदेश दिया है।विदेशों में निवेश करने वाली म्यूचुअल फंड की स्कीमें निवेश की अपर लिमिट का हमेशा ध्यान रखती हैं। इसी के चलते कई बार लिमिट बढ़ जाने के बाद वे इन्वेस्टमेंट नहीं लेती हैं। वहीं, जब उनका AUM कम होता है, तो फिर से वे निवेश लेना शुरू कर देती हैं।इससे पहले म्यूचुअल फंड्स की चार स्कीम्स निप्पॉन इंडिया US इक्विटी अपॉर्चुनिटीज, निप्पॉन इंडिया जापान इक्विटी, निप्पॉन इंडिया ताइवान इक्विटी, औरनिप्पॉन इंडिया ETF हांग-सेंग BeES ने 26 फरवरी को इन्वेस्टमेंट लेना बंद कर दी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *