भारत के विदेश मंत्री S जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के ‘जेनोफोबिया’ वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी है. एक फंडरेजिंग कार्यक्रम के दौरान बाइडन ने भारत को ‘जेनोफोबिक’ कह दिया था. उनके इस बयान पर काफी विवाद भी हुआ. जिसके बाद वाइट हाउस को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पर सफाई देनी पड़ी.विदेश मंत्री S जयशंकर इकोनॉमिक टाइम्स के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने जो बाइडन के बयान को सिरे से नकारते हुए ‘भारत की अर्थव्यवस्था नहीं लड़खड़ा रही है. और ये भारत का इतिहास रहा है कि यहां का समाज हमेशा से ही काफी खुले स्वभाव का रहा है.’उन्होंने आगे कहा ‘मुसीबत में फंसे लोगों के लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं. इसीलिए हमारे पास CAA है. और मुझे लगता है ये हमें उन लोगों को बताना चाहिए जो भारत आना चाहते हैं.’1 मई को जो बाइडन अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में एक फंड रेजिंग कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान कहना था कि ये चारों देश प्रवासियों को स्वीकार नहीं करते हैं. वहीं अमेरिका प्रवासियों का स्वागत करता है, इसलिए उसकी आर्थिक तरक्की हो रही है.उनके इस बयान के बाद वाइट हाउस की प्रेस सचिव करीन जीन-पियरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस पर उन्होंने दौरान बाइडन के बयान पर सफाई देते हुए कहा,’बाइडन एक बड़े संदर्भ में बात कर रहे थे. उनका कहना था कि प्रवासियों का स्वागत करना कितना जरूरी है. और प्रवासियों ने अमेरिका को कैसे मजबूत बनाया है.’उन्होंने आगे कहा, ‘एक देश के तौर पर हम क्या हैं, बाइडन इस बारे में बात कर रहे थे. वो अमेरिका को प्रवासियों का देश कह रहे थे. आप देखें कि पिछले कुछ सालों में प्रवासियों पर हमले किस तरह से बढ़े हैं.’उन्होंने आगे कहा कि लोगों को ये बात जरूर याद रखनी चाहिए कि अमेरिका प्रवासियों का देश है. इसी ने देश को मजबूत बनाया है