• Mon. May 20th, 2024

लोकतंत्र का सच्चा प्रहरी ...

रेपो रेट में लगातार सातवीं बार बदलाव नहीं:लोन महंगे नहीं होंगे, आपकी EMI भी नहीं बढ़ेगी

भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार सातवीं बार ब्याज दरों बदलाव नहीं किया है। RBI ने ब्याज दरों को 6.5% पर जस का तस रखा है। यानी लोन महंगे नहीं होंगे और आपकी EMI भी नहीं बढ़ेगी। RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं।3 अप्रैल से चल रही मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज यानी शुक्रवार को दी। ये मीटिंग हर दो महीने में होती है। RBI ने इससे पहले फरवरी में हुई बैठक में ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी।RBI की MPC में छह सदस्य हैं। इसमें बाहरी और RBI अधिकारी दोनों हैं। गवर्नर दास के साथ, RBI के अधिकारी राजीव रंजन, कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत हैं और माइकल देबब्रत पात्रा, डिप्टी गवर्नर हैं। शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा बाहरी सदस्य हैं।RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई को लेकर कहा कि ‘Elephant (inflation) has now gone out for a walk and heading to the forest’ यानी महंगाई में बढ़ोतरी अब थम गई है। वहीं, उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 में महंगाई 4.5% और रियल GDP ग्रोथ 7% रहने का अनुमान लगाया है।RBI के पास रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो, RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज महंगा होगा।बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है। मनी फ्लो कम होता है तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है।इसी तरह जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में RBI रेपो रेट कम कर देता है। इससे बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलता है।इसे उदाहरण से समझते हैं। कोरोना काल में जब इकोनॉमिक एक्टिविटी ठप हो गई थीं तो डिमांड में कमी आई थी। ऐसे में RBI ने ब्याज दरों को कम करके इकोनॉमी में मनी फ्लो को बढ़ाया था।FY25 में रियल GDP ग्रोथ अनुमान को 6.70% से बढ़ाकर 7% कर दिया है।FY25 के लिए RBI ने रिटेल महंगाई का अनुमान 4.50% दिया है।रिटेल महंगाई फरवरी 2024 में मामूली घटकर 5.09% पर आ गई है। इससे पहले जनवरी 2024 में महंगाई 5.10% रही थी। RBI की महंगाई को लेकर रेंज 2%-6% है। आदर्श स्थिति में RBI चाहेगा कि रिटेल महंगाई 4% पर रहे।थोक महंगाई फरवरी में कम होकर 0.20% पर आ गई है। जनवरी में ये 0.27% रही थी। महंगाई का ये 4 महीने का निचला स्तर भी है। नवंबर में महंगाई 0.26% रही थी। महंगाई में गिरावट आई है, लेकिन खाने-पीने के सामानों के दाम बढ़े हैं।महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से है। उदाहरण के लिए, यदि महंगाई दर 7% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 93 रुपए होगा। इसलिए, महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *