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गो फर्स्ट के 54 विमानों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल:दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद DGCA ने की कार्रवाई

एविएशन रेगुलेटर डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने आज यानी 1 मई को गो फर्स्ट एयरलाइन के 54 विमानों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया है। 26 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने 5 वर्किंग डे में गो फर्स्ट की ओर से लीज पर लिए गए विमानों का डीरजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा था। इसके बाद एविएशन रेगुलेटर ने यह कार्रवाई की है।नकदी की कमी से जूझ रही बजट एयरलाइन गो फर्स्ट की उड़ानें पिछले साल 3 मई से बंद हैं और वह स्वैच्छिक दिवालियापन प्रक्रिया से गुजर रही है। एयरलाइन ने पिछले साल 2 मई 2023 को बताया था कि वो 3, 4 और 5 मई के लिए अपनी सभी फ्लाइट कैंसिल कर रही है। इसके बाद से गो फर्स्ट लगातार फ्लाइट्स सस्पेंड करने की डेट आगे बढ़ा रही है।कैश की तंगी से जूझ रही इस एयरलाइन के सभी विमान ग्राउंडेड हैं। जिन फर्म्स ने एयरलाइन को लीज पर विमान दिए हैं वो उन्हें वापस लेना चाहती हैं।एयरक्राफ्ट लीजिंग कंपनियों में पेमब्रोक एविएशन, एक्सिपिटर इनवेस्टमेंट्स एयरक्राफ्ट्स 2 लिमिटेड, EOS एविएशन और SMBC एविएशन शामिल हैं। इन कंपनियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उन विमानों को रिलीज करने की मांग की थी, जो गो फर्स्ट को लीज पर दिए गए थे। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने 22 मई 2023 को NCLT यानी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के उस ऑर्डर को भी सही ठहराया था, जिसके तहत दिवालिया घोषित करने के लिए गो फर्स्ट की याचिका स्वीकार की गई थी।गो फर्स्ट एयरलाइन ने 2 मई 2023 को बताया कि वो 3, 4 और 5 मई के लिए अपनी सभी फ्लाइट कैंसिल कर रही है।3 मई 2023 को एयरलाइन स्वैच्छिक दिवालिया याचिका के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल यानी NCLT पहुंच गई।गो फर्स्ट एयरलाइन की याचिका पर NCLT ने 4 मई 2023 को सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था।फ्लाइट सस्पेंशन को 9 मई 2023 तक किया गया। फिर कई बार इसे बढ़ाया गया। अभी फ्लाइट 10 जुलाई तक सस्पेंड है।10 मई 2022 को NCLT ने एयरलाइन को राहत देते हुए मोरेटोरियम की मांग को मान लिया और IRP नियुक्त किया।गो फर्स्ट पर अपने लेंडर्स का 6,521 करोड़ रुपए बकाया है। एक्यूइट रेटिंग्स एंड रिसर्च ने 19 जनवरी की रिपोर्ट में कहा था कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का सबसे ज्यादा 1,987 करोड़ रुपए का एक्सपोजर था, इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा का 1,430 करोड़ रुपए, डॉयचे बैंक का 1,320 करोड़ रुपए और IDBI बैंक का 58 करोड़ रुपए बकाया था।एयरलाइन ने दावा किया था कि इंजनों की सप्लाई नहीं होने से उसे अपने ऑपरेशन बंद करने पड़े हैं। अमेरिका के एयरक्राफ्ट इंजन मैन्युफैक्चरर प्रैट एंड व्हिटनी (PW) को गो फर्स्ट को इंजन की सप्लाई करनी थी, लेकिन उसने समय पर इसकी सप्लाई नहीं की। ऐसे में गो फर्स्ट को अपनी फ्लीट के आधे से ज्यादा एयरक्राफ्ट ग्राउंडेड करने पड़े। इससे उसे भारी नुकसान हुआ था।फ्लाइट नहीं उड़ने के कारण एयरलाइन के पास कैश की कमी हो गई और फ्यूल भरने के लिए भी पैसे नहीं बचे। एयरलाइन के A20 नियो एयरक्राफ्ट में इन इंजनों का इस्तेमाल होता था।तीन महीने पहले स्पाइसजेट के MD और चेयरमैन अजय सिंह ने गो-फर्स्ट एयरलाइन को खरीदने के लिए बिजी बी एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड के साथ बोली लगाई थी। एयरलाइन ने कहा था कि सिंह ने यह बोली अपनी पर्सनल कैपेसिटी से लगाई है। अगर डील हो जाती है तो स्पाइसजेट नई एयरलाइन के ऑपरेशन में मदद करेगी। यह जरूरी स्टाफ, सर्विस और इंडस्ट्री एक्सपर्टीज प्रोवाइड करेगा।वहीं, अजय सिंह ने कहा था, ‘मेरा विश्वास है कि गो-फर्स्ट में अपार संभावनाएं हैं और इसे स्पाइसजेट के साथ काम करने के लिए ऑपरेट किया जा सकता है। इससे दोनों कैरियर्स को फायदा होगा।’ उन्होंने कहा था कि गो फर्स्ट यात्रियों के बीच एक ट्रस्टेड और वैल्यूएबल ब्रांड है। इसके अलावा डोमेस्टिक और इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स पर स्लॉट भी है।गो फर्स्ट वाडिया ग्रुप की बजट एयरलाइन है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार 29 अप्रैल 2004 को गो फर्स्ट की शुरुआत हुई थी। नवंबर 2005 में इसने मुंबई से अहमदाबाद के लिए पहली फ्लाइट ऑपरेट की। एयरलाइन के बेड़े में 59 विमान शामिल हैं।इनमें से 54 विमान A320 NEO और 5 विमान A320 CEO हैं। गो फर्स्ट 35 डेस्टिनेशन के लिए अपनी फ्लाइट ऑपरेट करता था। इसमें से 27 डोमेस्टिक और 8 इंटरनेशनल डेस्टिनेशन शामिल थे। एयरलाइन ने साल 2021 में अपने ब्रांड नाम को गोएयर से बदलकर गो फर्स्ट कर दिया था।

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