त्योहारी सीजन में खुदरा महंगाई को लेकर सरकार किसी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहती है। सरकार ने अब खुले बाजार में गेहूं बेचने का फैसला किया है। गेहूं की कीमत पिछले आठ माह में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। गेहूं के साथ दाल की कीमतें भी पिछले दो-तीन महीनों से लगातार बढ़ रही है। सरकार ने दाल की स्टॉक सीमा में बदलाव किया है।खाद्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, देश में गेहूं की कोई कमी नहीं है और कीमत को काबू में रखने के लिए सरकार के पास सभी विकल्प खुले हैं। इसके तहत ही खुले बाजार में गेहूं बेचा जा सकता है। सरकार आटा मिलर्स और बिस्कुट बनाने वाली कंपनियों जैसे ग्राहकों को और गेहूं बेच सकती है।अगले माह से त्योहारी सीजन शुरू है। त्योहार में खपत अधिक होने से दाम बढ़ने की आशंका रहती है। इसलिए सरकार पहले से ही सचेत हो जाना चाहती है। गेहूं के साथ दाल की कीमतें भी पिछले दो-तीन महीनों से लगातार बढ़ रही है और इसकी कीमत को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार ने दाल की स्टॉक सीमा में बदलाव किया है।सोमवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक, दाल के थोक व्यापारी या बड़ी रिटेल चेन अधिकतम 50 टन तुअर और 50 टन उड़द स्टॉक में रख सकेंगी। वहीं सभी खुदरा व्यापारियों के लिए यह सीमा पांच-पांच टन की होगी।सोमवार के जारी नए नियम के मुताबिक, दाल आयातक पोर्ट से दाल मिलने के बाद अधिकतम 30 दिनों तक ही दाल को अपने पास रख सकेंगे। आगामी 31 दिसंबर तक दाल की स्टॉक नियम का पालन करना होगा। सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेश पर यह नियम लागू होगा। इस साल जनवरी में दाल की स्टॉक सीमा के नियम जारी किए गए थे और आगामी 30 अक्टूबर को यह नियम समाप्त हो रहा था।