कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गिरीश मेहता ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज महावीर स्वामी के अहिंसा सहित सभी संदेश पूर्णतया प्रासंगिक है। यदि हम उन्हे अपने जीवन में उतारते हैं तो जीवन में कभी भी असफल नहीं होंगे।मेहता ने अपने पिता हनवंत राज जी मेहता की कविता का उल्लेख किया।कार्यक्रम के अध्यक्ष मुकेश मेहता ने अपने संबोधन में कहा महावीर स्वामी किसी एक धर्म या संप्रदाय से संबंधित नहीं है वे सभी के लिए समान रूप से मार्गदर्शक है । सत्य, अहिंसा, अस्तेय ,अपरिग्रह ब्रह्मचर्य जैसे उच्च विचार युगों युगों तक प्रत्येक मनुष्य का मार्गदर्शन करते रहेंगे।विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ प्रभा शर्मा ने बताया कि सर्वप्रथम विद्यार्थियों के द्वारा…जीवन मिला है बड़ा अनमोल … विषयक गीत की सुंदर प्रस्तुति दी गई। बालक -बालिकाओं ने नृत्य के द्वारा 24 तीर्थंकर के जीवन का संपूर्ण परिचय प्रस्तुत किया। दसवीं कक्षा की विद्यार्थी निष्का मेहता ने पाली व प्राकृत भाषा में लिखे गए महावीर स्वामी तथा अन्य तीर्थंकरों के संदेश का वाचन कर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया।कार्यक्रम में एक लघु नाटिका प्रस्तुत की गई जिसमें दादा के रूप में प्रांजल रायजादा ने नवकार मंत्रो के अर्थ और महत्व को अभिनीत किया गया। साथ ही विद्यार्थियों ने सभी 9 मंत्रो के महत्व को नृत्य के द्वारा भी प्रस्तुत किया। नवी कक्षा की विद्यार्थी निवृत्ति ने एकल नृत्य किया।महावीर स्वामी के जन्म से लेकर निर्वाण प्राप्ति तक की घटना पर आधारित नृत्य एवं गीत प्रस्तुत किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया । कार्यक्रम में संस्कार स्कूल की सीनियर एडमिनिस्ट्रेटर स्वाति मेहता, कॉर्डिनेटर दीप्ति मुथा,प्रमिला छंगानी सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे ।तापुर व्यास ने धन्यवाद ज्ञापित किया तथा कार्यक्रम का संचालन जाह्नवी माथुर ने किया।