इंडियन ऑयल का मुनाफा पिछले साल की तुलना में 49% घट गया है। वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में कंपनी ने 5,487.92 करोड़ रुपए का कंसोलिडेटेड मुनाफा दर्ज किया। पिछले साल की इसी तिमाही में मुनाफा 10,841.23 करोड़ रुपए था।वहीं पिछली तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर के तीन महीनों की तुलना में इंडियन ऑयल का मुनाफा 42.97% घटा है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी ने 9,224.85 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था। कंपनी ने आज यानी, 30 अप्रैल को चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। इंडियन ऑयल के बोर्ड ने प्रति शेयर 7 रुपए के डिविडेंड (लाभांश) को भी मंजूरी दी है। कंपनियां अपने शेयरधारकों को मुनाफे का कुछ हिस्सा देती हैं, उसे डिविडेंड कहते हैं। रिजल्ट के बाद कंपनी के शेयर में 4.41% की गिरावट आई। ये 7.80 रुपए नीचे 168.95 रुपए पर बंद हुआ।कंपनी का रिफाइनिंग मार्जिन कम होने से मुनाफा कम हुआ है।2024 के पहले तीन महीनों में क्रूड ऑयल के दाम 16% बढ़े हैं।महंगे क्रूड के बावजूद कंपनी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतें 2 रुपए घटाई थी।पूरे वित्त वर्ष में कंपनी के कंसोलिडेटेड मुनाफे में 269% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। FY24 में कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा 43,161.15 करोड़ रुपए रहा है। पिछले वित्त वर्ष यानी FY23 में इंडियन ऑयल का मुनाफा 11,704.26 करोड़ रुपए रहा था।इंडियन ऑयल ने बताया कि वित्त वर्ष 2024 के लिए ऐवरेज ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) 12.05 डॉलर प्रति बैरल रहा। पिछले साल की इसी अवधि के दौरान यह 19.52 डॉलर था। GRM ऑयल रिफाइनरी (आउटपुट) से निकलने वाले पेट्रोलियम उत्पादों के कुल मूल्य और कच्चे माल (इनपुट) की कीमत के बीच के अंतर को कहते हैं। यहां कच्चा माल क्रूड ऑयल है।इंडियन ऑयल महारत्न नेशनल ऑयल कंपनी है। इसका गठन 1964 में इंडियन ऑयल कंपनी लिमिटेड और इंडियन रिफाइनरीज लिमिटेड के विलय के साथ किया गया था। इंडियन ऑइल ग्रुप भारत की 23 रिफाइनरियों में से 11 की मालिक है। इंडियन ऑयल की श्रीलंका, मॉरीशस, UAE, स्वीडन, अमेरिका और नीदरलैंड में सब्सिडियरी कंपनियां भी है।