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गहलोत सरकार की राजीव गांधी ग्रामीण-शहरी ओलंपिक में घपला, भजनलाल सरकार कराएगी जांच

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की एक और महत्वकांक्षी योजना में घपले का आरोप लगाया गया है. जिसपर कैबिनेट मंत्री ने जांच कराने की बात कही है. मामला राजीव गांधी ग्रामीण, शहरी ओलंपिक से जुड़ा है. इस खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन गहलोत सरकार के समय प्रदेश के अलग-अलग जिलों में किया गया था. अब यह बात सामने आई है कि इस प्रतियोगिता में करोड़ों रुपए का घपला हुआ है. मंगलवार को विधानसभा में बसपा विधायक मनोज न्यांगली ने ग्रामीण ओलिंपिक के आयोजन और इनमें खर्चे को लेकर सवाल उठाया है. उन्होंने सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि इस टूर्नामेंट के लिए 126 करोड़ रुपए के टी-शर्ट और निकर खरीदे गए. बसपा विधायक के उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए खेल मंत्री राज्यवर्द्धन राठौड़ ने कहा कि हम ग्रामीण-शहरी ओलिंपिक की जांच के लिए तैयार हैं. कांग्रेस राज में हुए ग्रामीण ओलंपिक खेलों के खर्च की जांच होगी. वित्त विभाग की कमेटी इसकी जांच करेगी. राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि यह चिंता और चिंतन का मुद्दा है कि विभाग का जितना बजट है उसका चार गुणा पैसा खर्च हुआ. कोई स्टेडियम नहीं बना, कोई असेट नहीं बनाया, 126 करोड़ केवल टीशर्ट खरीदने में खर्च हुआ. किन कंपनियों से ये खरीद हुई, टेंडर प्रक्रिया सही थी या नहीं इन सबकी जांच करवाई जाएगी.इससे पहले बसपा विधायक मनोज के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में खेल मंत्री ने बताया कि प्रदेश में राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल- 2022 में 40 करोड़ 92 लाख 56 हजार 890 रुपए की राशि व्यय हुई. इसी प्रकार राजीव गांधी ग्रामीण एवं शहरी ओलंपिक खेल- 2023 में 155 करोड़ 46 लाख 72 हजार 500 रुपए की राशि खर्च की गई. उन्होंने इन दोनों प्रतियोगिता के आयोजन में हुए व्यय का विवरण सदन के पटल पर रखा.राठौड़ ने बताया कि ग्रामीण ओलंपिक खेलों के आधार पर राज्य, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए प्रतिभाओं के चयन या सरकारी सेवा में आउट ऑफ टर्न नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान नहीं है. कर्नल राठौड़ ने बताया कि ग्रामीण ओलंपिक खेलों में हुए व्यय की अभी तक कोई जांच नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि विधायक की मांग को देखते हुए ग्रामीण ओलंपिक खेलों में हुए व्यय की जांच करवाई जाएगी. उन्होंने बताया कि राजस्थान क्रीडा सहायता अनुदान नियम के तहत 7 हजार 145 आवेदन प्राप्त हुए, जिनकी समीक्षा व प्रमाणीकरण पश्चात पात्र खिलाडियों को देय राशि का निर्धारण होगा. उन्होंने बताया कि आउट आफ टर्न सरकारी सेवा में नियुक्ति हेतु 142 खिलाड़ियों के आवेदन चयन प्रक्रियाधीन है. खेल मंत्री ने यह भी कहा कि मुख्य खेल अधिकारी के चयन को लेकर भी किसी तरह की अनियमितता हुई होगी तो उसकी भी जांच कराई जाएगी.

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