तमिलनाडु की राजनीति में लगातार करतब दिखाई पड़ रहे हैं. कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन को लेकर बयान दिया था. बहुत बवाल हुआ. दक्षिण से ज़्यादा, उत्तर भारत की राजनीति में आज 18 सितंबर AIADMK ने ऐलान कर दिया कि वो भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ चुकी है.कुछ दिन पहले ही तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने द्रविड़ आंदोलन के नेता और तमिलनाडु के पहले मुख्यमंत्री सी एन अन्नादुरई को लेकर विवादास्पद बयान दिया था. AIADMK के वरिष्ठ नेता डी जयकुमार ने कहा कि उनकी पार्टी शेरों का झुंड है और अन्नामलाई एक छोटी सी लोमड़ी. उन्होंने कहा, “अगर उनमें हिम्मत है, तो अकेले चुनाव लड़ें. नोटा से भी ज़्यादा वोट नहीं मिलेंगे. उनके पास क्या योग्यता है कि वो पेरियार, एमजीआर, अम्मा या हमारे नेता (के पलानीस्वामी) जैसे नेताओं के ऊपर टिप्पणी करें? हमने उन्हें कई चेतावनियां दीं, मगर वो नहीं माने. और अब, हमारा कैडर चुप नहीं रहेगा.”डी जयकुमार ने कहा कि पार्टी अपने नेताओं के ख़िलाफ़ बोले गए हर शब्द के लिए अन्नामलाई को कड़ा जवाब देगी.बीते हफ़्ते राज्य सरकार के मंत्री पी के सेकर बाबू के ख़िलाफ़ विरोध करते हुए अन्नामलाई ने 1950 की एक घटना का ज़िक्र किया था. उनके बकौल, उस समय अन्नादुरई ने हिंदू धर्म की आलोचना की थी. लेकिन स्वतंत्रता सेनानी पसुमपोन मुथुरामलिंगम थेवर ने इसका कड़ा विरोध किया था. विरोध के बाद अन्नादुराई ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी थी.अन्नामलाई का बयान अन्नाद्रमुक के नेताओं को पचा नहीं. डी जयकुमार ने रेखांकित किया कि अन्नामलाई ने पहले भी पार्टी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता पर टिप्पणी की थी. इसके लिए उन्हें जनता के भरपूर ग़ुस्से का सामना करना पड़ा था. और इसी वजह से उन्हें दिवंगत नेताओं पर टिप्पणी करना बंद कर देना चाहिए. अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्री सी वे षणमुगम ने भी कहा कि पार्टी कैडर उनके नेताओं के ख़िलाफ़ की गई किसी भी टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा-“हम अन्नामलाई की कड़ी निंदा करते हैं. एनडीए गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद उन्होंने पहले अम्मा की आलोचना की और अब पेरारिग्नर अन्ना के बारे में बात कर रहे हैं. आपका (अन्नामलाई) मक़सद क्या है?”अन्नामलाई ने भी अपनी टिप्पणी का जवाब दिया, कि वो केवल एक ऐतिहासिक घटना के बारे में बात कर रहे थे. जिसके उनके पास पर्याप्त सबूत हैं.आज, डी विजयकुमार ने अन्नामलाई के ‘मक़सद’ की ओर इशारा भी किया. कहा कि भाजपा चाहती है कि वो AIADMK का हिस्सा रहे. मगर अन्नामलाई ऐसा नहीं चाहते. साथ में ये भी कह दिया कि AIADMK को भाजपा की ज़रूरत नहीं. कहा-“हम अपने नेताओं पर टिप्पणी क्यों बर्दाश्त करें? भाजपा को खुद वोट के लिए किसी पार्टी की शरण में जाने की ज़रूरत है. उनका यहां कोई बेस नहीं है. वे बेकार सामान हैं. फिलहाल, बीजेपी AIADMK के साथ गठबंधन में नहीं है. हम चुनाव के दौरान सब कुछ तय करेंगे. बाक़ी पार्टी का रुख यही है.”उधर, राज्य भाजपा उपाध्यक्ष नारायणन तिरुपति ने कहा कि गठबंधन से संबंधित मामलों पर अंतिम निर्णय केवल चुनाव के दौरान ही लिया जा सकता है.