बिलेनियर गौतम अडाणी के परिवार ने अंबुजा सीमेंट में ₹8,339 करोड़ निवेश किया है, जिससे सीमेंट बनाने वाली कंपनी में उनकी हिस्सेदारी बढ़कर 70.3% हो गई है। अंबुजा सीमेंट ने एक्सचेंज फाइलिंग में इसके बारे में जानकारी दी है।अधिग्रहण के बाद अडाणी फैमिली ने 18 अक्टूबर 2022 में वारंट के माध्यम से अंबुजा सीमेंट्स में ₹5,000 करोड़ का निवेश किया था। वहीं, 22 दिन पहले यानी 28 मार्च 2024 को अडाणी फैमिली ने ₹6,661 करोड़ निवेश किया था, तब उनकी कंपनी में हिस्सेदारी 3.6% बढ़कर 66.7% हो गई थी।कंपनी ने कहा कि इस निवेश से हमारी फाइनेंशियल कंडीशन मजबूत होगी। डेवलपमेंट प्लान को आगे बढ़ाने के साथ नई संभावनाओं का फायदा उठाया जा सकेगा। वहीं, अंबुजा सीमेंट्स के CEO अजय कपूर ने कहा कि हम अंबुजा में प्लान किए गए अडाणी ग्रुप के 20,000 करोड़ की शुरुआती निवेश के पूरे होने की घोषणा करते हुए उत्साहित हैं।यह निवेश अंबुजा को तेजी से विकास के लिए पूंजी के साथ लेजर अकाउंट के स्तर पर मजबूती प्रोवाइड करता है। अडाणी ग्रुप ने जून 2022 में 10.5 बिलियन डॉलर में अंबुजा सीमेंट और ACC सीमेंट को खरीदा था।कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि 2028 तक सीमेंट कारोबार के 140 मिलियन टन सालाना कैपेसिटी को पूरा करने के लिए ये फंड काफी महत्वपूर्ण साबित होगा। इसके अलावा ये ऑपरेशनल परफॉर्मेंस को बढ़ाने के लिए कैपिटल एक्सपेंसेस को कम करने और रिसोर्सेज, सप्लाई चेन में एफिशिएंसी लाने सहित कई रणनीतिक फैसलों को मजबूती देगा।वॉरंट एक तरह का फाइनेंशियल कॉन्ट्रेक्ट होता है। कंपनियां इसका इस्तेमाल फंड रेज करने के लिए करती है। ये निवेशकों को एक्सपायरेशन से पहले एक निश्चित कीमत पर उस कंपनी के निश्चित शेयर खरीदने या बेचने का अधिकार देता है।भारतीय और अमेरिकी वॉरंट किसी भी समय एक्सपायरी डेट पर या उससे पहले एग्जीक्यूट किए जा सकते हैं, जबकि यूरोपीय वॉरंट केवल एक्सपायरी डेट पर ही एग्जीक्यूट हो सकते हैं। शेयर खरीदने का अधिकार देने वाले वॉरंट को कॉल वारंट कहा जाता है। वहीं, शेयर बेचने का अधिकार देने वालों को पुट वॉरंट के रूप में जाना जाता है।